मौला अली (अ०स) की वसीयत  وصیت*
मौला अली (अ०स) की वसीयत  وصیت* ज़रबत के बाद हसनैन शरीफैन (अस) और उन के चाहने वालों के नाम हज़रत  अली (अस) की वसीयत:  ضربت کے بعد حسنینؑ شریفین اور ان کے چاہنےوالوں کے نام حضرت علی علیہ السلامؑ کی وصیت: اُوْصِیْکُمَا بِتَقْوَی اللّٰہِ۔ मैं तुम दोनों को खुदा से डरते रहने की वसीयत करता हूं میں تم دونو…
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कोरोना #Corona #COVID19 #लक्षण #बचाव माइक्रोबायोलॉजिस्ट -विजय चौधरी डिप्टी एसपी
#कोरोना #Corona #COVID19 #लक्षण #बचाव माइक्रोबायोलॉजिस्ट -विजय_चौधरी डिप्टी एसपी, नमस्कार 🙏 दोस्तों मैं #विजय_चौधरी डिप्टी एसपी, आज हम एक ऐसे जीव की बात करेंगे जिसने पूरे विश्व में अफरा तफरी मचा रखी है। जी हां, आज हम कोरोना वायरस की बात करेंगे। चूंकि मैं एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट भी हूं  अतः मेरी नैति…
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जिंदगी है साहब छोड़कर चली जायेगी, मेज पर होगी तस्वीर और कुर्सी खाली रह जायेगी, किसी बात का घमंड न करो।
*जिंदगी है साहब कब पलट जाए  *जिंदगी है साहब छोड़कर चली जायेगी  मेज पर होगी तस्वीर और कुर्सी खाली रह जायेगी, किसी बात का घमंड न करो। *एक करोना वायरस के आगे 150 करोड़ की आबादी वाला चीन अपने ही घर में बंदी बन गया है, सारे रास्ते वीरान हो गए हैं, चीन के अध्यक्ष भूमिगत हो गए हैं।एक सूक्ष्म सा जंतु और द…
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बेटियाँ परी होती हैं" "जो सदा बिना शर्त के प्यार और देखभाल के लिए जन्म लेती है।"
एक गर्भवती स्त्री ने अपने पति से कहा, "आप क्या आशा करते हैं लडका होगा या लडकी" पति-"अगर हमारा लड़का होता है, तो मैं उसे गणित पढाऊगा, हम खेलने जाएंगे, मैं उसे मछली पकडना सिखाऊगा।"  पत्नी - "अगर लड़की हुई तो...?"  पति- "अगर हमारी लड़की होगी तो, मुझे उसे कुछ सिखाने क…
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किसी ने भगवान के मन्दिर को     भ्रष्ट कर दिया। यह हड्डी किसी     पापी ने मंदिर में डाल दी
"एक बार हज़ारों भूखे लोग एक व्यवसायी के गोदाम में भरे अन्न को लूटने के लिए निकल पड़े।  "व्यवसायी हमारे पास आया। कहने लगा -    "स्वामी कुछ कीजिये। ये लोग तो     मेरी सारी जमा पूंजी लूट लेंगे।     आप ही बचा सकते है। आप जो     कहेंगे वो सेवा करेंगे।"  "तब बच्चा, हम उठे, हाथ में…
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बेख़बर हैं हालात से यूँ तेरे जहाँ वाले  संग फ़रोशी करते हैं शीशे के मकाँ वाले -Meenaxee Raj
बेख़बर हैं हालात से यूँ तेरे जहाँ वाले  संग फ़रोशी करते हैं शीशे के मकाँ वाले छुप जाएँ अपने घर में सब रईस लोग  आए हैं तक़ाज़े को कोई चाक गिरेबाँ वाले  जाते हो चमन में बारहा दीदार ए गुल को तुम  बोते हैं फ़सल ए खार मगर हर बार गुलिस्ताँ वाले  नया दौर है , कीजिएगा महज़ इशारों में गुफ़्तगू पेश आते हैं ग…
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